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कार्यालय, मुख्य आयुक्त-दिव्यांगजन को दिव्यांग व्यक्ति (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 की धारा 57 के अधीन स्थापित किया गया था। कार्यालय को दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा के लिए उपाय करने के लिए अधिदेश दिया गया है। दिव्यांग व्यक्ति (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 को दिव्यांगजन अधिकार (आरपीडब्ल्यूडी) अधिनियम, 2016 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया। नए अधिनियम में आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 की धारा 74 के अधीन केन्द्र में दिव्यांगजन के लिए एक मुख्य आयुक्त और मुख्य आयुक्त की सहायता के लिए दो आयुक्त की नियुक्ति का प्रावधान है। आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 की धारा 75 के अधीन मुख्य आयुक्त का अधिदेशाधीन कार्य निम्नानुसार है :-

(1) मुख्य आयुक्त-

(क) स्वप्रेरणा से या अन्यथा ऐसे किसी विधि के उपबन्ध या नीति, कार्यक्रम और प्रक्रियाओं की पहचान करेगा, जो इस अधिनियम से असंगत हैं और आवश्यक सुधार के उपायों की सिफारिश करेगा; 

(ख)  स्वप्रेरणा से या अन्यथा दिव्यांगजन को अधिकारों से वंचित करने और उन विषयों के सम्बन्ध में उन्हें उपलब्ध सुरक्षा उपायों की जाँच करेगा, जिनके लिए केन्द्र सरकार समुचित सरकार है और सुधारक कार्रवाई के लिए समुचित प्राधिकारियों के पास मामले को उठायेगा। 

(ग)  इस अधिनियम द्वारा या इसके अधीन या उस समय लागू किसी अन्य कानून द्वारा दिव्यांगजन के अधिकारों के सरंक्षण के लिए उपलब्ध सुरक्षा उपायों की समीक्षा करेगा और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उपायों की सिफारिश करेगा;

(घ)  उन कारकों की समीक्षा करेगा, जो दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों का उपयोग करने में बाधा उत्पन्न करते हैं तथा समुचित सुधार के उपायों की सिफारिश करेगा;

(ड)  दिव्यांगजन के अधिकारों पर संधियों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का अध्ययन करेगा और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए संस्तुति करेगा;

(च) दिव्यांगजन के अधिकारों के क्षेत्र में अनुसंधान करेगा और उनका संवर्धन करेगा; 

(छ) दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों और उनके संरक्षण के लिए उपलब्ध सुरक्षा उपायों पर जागरूकता का संवर्धन करेगा; 

(ज) दिव्यांगजन के लिए आशयित इस अधिनियम के उपबंधों, स्कीमों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयनों  की निगरानी करेगा; 

(झ) दिव्यांगजन के फायदे के लिए केन्द्रीय सरकार द्वारा संवितरित निधियों के उपयोजन की निगरानी करेगा; और 

(त्र) ऐसे अन्य कार्यों को करेगा जो केन्द्रीय सरकार द्वारा सौंपे जाएँ। 

(2) मुख्य आयुक्त इस अधिनियम के अधीन किसी भी मामले पर अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते समय आयुक्तों से परामर्श करेगा।

कार्यालय, मुख्य आयुक्त-दिव्यांगजन (सीसीपीडी) सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत  दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग का एक हिस्सा है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को समाज के वंचित और हाशिए के वर्ग के कल्याण, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण का काम सौंपा गया है, जैसे अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग, दिव्यांग, वृद्ध व्यक्ति, सड़क पर रहने वाले बच्चे और नशीली दवाओं के शिकार आदि। वर्तमान में, सुश्री अंजलि भवरा, आईएएस, सचिव, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, मुख्य आयुक्त - दिव्यांगजन (सीसीपीडी) का अतिरिक्त प्रभार सम्भाल रही हैं।

संक्षेप में, मुख्य आयुक्त - दिव्यांगजन (सीसीपीडी) का कार्यालय दिव्यांग व्यक्तियों को दिए गए अधिकारों और सुविधाओं से सम्बन्धित या दिव्यांग व्यक्तियों के कल्याण और अधिकारों के संरक्षण के लिए भारत सरकार द्वारा जारी कानूनों, नियमों, उप-नियमों, विनियमों आदि के गैर-अनुपालन के मुद्दों/मामलों पर कार्यवाही से सम्बन्धित है।

 

किसी भी जानकारी के लिए कृपया सम्पर्क करें :

कार्यालय, मुख्य आयुक्त-दिव्यांगजन, 

5वाँ तल, एन.आई.एस.डी. भवन, जी-2, सेक्टर-10, द्वारका, नई दिल्ली-110075

फोन नम्बर (011) 20892364;  ईमेल : ccpd[at]nic[dot]in

सम्पर्क के बारे में अधिक जानकारी ‘हमसे सम्पर्क करें’ पृष्ठ पर देखी जा सकती है।