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मुख्य आयुक्त-दिव्यांगजन के समक्ष शिकायत / मुकदमा दायर करने के सम्बन्ध में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न:

 

प्रश्न 1- मुख्य आयुक्त-दिव्यांगजन के समक्ष कौन शिकायत दर्ज कर सकता है?

उत्तर 1- मुख्य आयुक्त के समक्ष बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्ति / दिव्यांग व्यक्ति शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत या तो पीड़ित व्यक्ति द्वारा स्वयं दायर की जा सकती है या उसकी ओर से पीड़ित व्यक्ति के अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा भी दायर की जा सकती है।

 

प्रश्न 2- मुख्य आयुक्त या आयुक्त के समक्ष किस प्राधिकरण के खिलाफ शिकायत दर्ज की जा सकती है?

उत्तर 2- भारत सरकार द्वारा नियंत्रित या सहायता प्राप्त मंत्रालयों / विभागों / प्रतिष्ठानों / संस्थाओं / संगठनों / प्राधिकरण या कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2 में परिभाषित सरकारी कम्पनी के विरुद्ध शिकायत दर्ज की जा सकती है।  

 

प्रश्न 3- क्या राज्य सरकार या उसके विभागों / प्रतिष्ठानों / संस्थाओं / संगठनों / स्थानीय प्राधिकरण और राज्य सरकार के स्वामित्व वाली या नियंत्रित कंपनी के खिलाफ मुख्य आयुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज की जा सकती है?

उत्तर 3-  नहीं। राज्य सरकार और उसके विभागों / प्रतिष्ठानों / संस्थानों / संगठनों / स्थानीय प्राधिकरण और राज्य सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण वाली कंपनी से सम्बन्धित शिकायत केवल सम्बन्धित राज्य / केंद्र शासित प्रदेश के राज्य आयुक्त-दिव्यांगजन के समक्ष दायर की जा सकती है।

 

प्रश्न 4- शिकायत दर्ज करने / भेजने का तरीका क्या होगा?

उत्तर 4-  शिकायत दर्ज करने के कई तरीके हैं। शिकायतकर्ता पंजीकृत डाक या ऑनलाइन शिकायत पोर्टल के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करने / प्रस्तुत करने का विकल्प चुन सकता है अथवा मुख्य आयुक्त या आयुक्त को विधिवत संबोधित ईमेल के माध्यम से अपनी शिकायत भेज सकता है।

 

प्रश्न 5- शिकायत कैसे और / या किस तरीके से दर्ज की जा सकती है?

उत्तर 5- शिकायत निम्नलिखित विवरण के साथ दर्ज की जानी चाहिए:

(क)  शिकायतकर्ता और प्रभावित व्यक्तियों का नाम, विवरण (जन्म तिथि, लिंग) और पता (ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर के साथ);

(ख)  प्रतिपक्ष या पार्टियों, जैसा भी मामला हो, का नाम, विवरण और पता (ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर के साथ),, जहाँ तक ​​उनका पता लगाया जा सकता है;

(ग)  शिकायत से सम्बन्धित तथ्य और यह कब और कहाँ उत्पन्न हुई;

(घ)  शिकायत में शामिल आरोपों के समर्थन में दस्तावेज;

(ड.)  शिकायतकर्ता द्वारा अपेक्षित राहत का विवरण;

(च)  स्व-सत्यापित दिव्यांगता प्रमाण-पत्र की प्रति;

(छ)  इस बारे में आश्वासन कि यह प्रकरण भारत में किसी अन्य न्यायालय में विचाराधीन नहीं है।

 

प्रश्न 6- शिकायत पर निर्णय लेने में कितना समय लग सकता है?

उत्तर 6  जहाँ तक ​​सम्भव हो, प्रतिपक्ष द्वारा नोटिस प्राप्त होने की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर शिकायत पर निर्णय लिया जाएगा।

 

प्रश्न 7- क्या मुख्य आयुक्त या आयुक्त शिकायत का एकपक्षीय निपटारा कर सकते हैं?

उत्तर 7- हां। यदि आवश्यक हो तो मुख्य आयुक्त या आयुक्त शिकायत का एकपक्षीय निपटारा कर सकते हैं?

 

प्रश्न 8- क्या राज्य आयुक्त द्वारा पारित आदेशों के खिलाफ शिकायतों पर निर्णय करने के लिए मुख्य आयुक्त अपील प्राधिकारी है?

उत्तर 8- नहीं। मुख्य आयुक्त के पास उन मामलों को उठाने का अधिकार है जिनके लिए केंद्र सरकार उपयुक्त प्राधिकारी है। मुख्य आयुक्त राज्य आयुक्तों के आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने के लिए अपील प्राधिकारी नहीं है।

 

प्रश्न 9- क्या मुख्य आयुक्त-दिव्यांगजन के समक्ष शिकायत दर्ज करने के लिए कोई निर्धारित प्रपत्र है?

उत्तर 9- कोई निर्धारित प्रपत्र नहीं है। हालाँकि, निम्नलिखित विवरणों का उल्लेख करना अनिवार्य है-:

(क)  शिकायतकर्ता और प्रभावित व्यक्तियों(यदि कोई हों) का नाम, विवरण (जन्म तिथि, लिंग) और पता (ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर के साथ);

(ख)  प्रतिपक्ष या पार्टियों, जैसा भी मामला हो, का नाम, विवरण और पता (ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर के साथ), जहाँ तक ​​उनका पता लगाया जा सकता है;

(ग)  शिकायत से सम्बन्धित तथ्य;

(घ)  शिकायतकर्ता द्वारा अपेक्षित राहत का विवरण;

(ड.)  स्व-सत्यापित दिव्यांगता प्रमाण-पत्र की प्रति;

(च)  इस बारे में आश्वासन कि यह प्रकरण भारत में किसी अन्य न्यायालय में विचाराधीन नहीं है।

 

प्रश्न 10- क्या शिकायत दर्ज करने के लिए कोई शुल्क देना पड़ता है?

उत्तर 10- नहीं। मुख्य आयुक्त-दिव्यांगजन के समक्ष शिकायत दर्ज करना बिल्कुल नि:शुल्क है।

 

प्रश्न 11- क्या मुख्य आयुक्त-दिव्यांगजन के समक्ष शिकायतकर्ता का शारीरिक रूप से उपस्थित होना अनिवार्य है?

उत्तर 11- शिकायतकर्ता के लिए मुख्य आयुक्त-दिव्यांगजन के समक्ष शारीरिक रूप से उपस्थित होना अनिवार्य नहीं है। शिकायतकर्ता ऑनलाइन या डाक के माध्यम से शिकायत दर्ज करने का विकल्प चुन सकता है। जून 2020 के बाद, सुनवाई ऑनलाइन आयोजित की जाती है, इसलिए शिकायतकर्ता अपनी प्रस्तुतियाँ ऑनलाइन विधि के माध्यम से प्रस्तुत करने का विकल्प चुन सकता है।